
@shahzadahmed
उन्होंने कई जानकारियों को साधा करते हुए कई बातें बताई जो हिंसा का कारण बनीं
कुल मिलाकर 394 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और कुछ पुलिसकर्मी आईसीयू में भी है
दिल्ली पुलिस आयुक्त ने बताया कि किसान नेताओं को बताया गया था कि तीन रूटें तय किये गए है जिस पर ट्रैक्टर रैली निकलने की अनुमति दी थी और दिन के 12 बजे के बाद रैली निकलने का समय तय हुआ था मगर किसान पहले ही रैली निकालने के लिए जुट गए। उन्होंने यह भी बताया कि किसान नेता सतनाम सिंह पन्नू के भाषण के बाद भीड़ हिंसक हो गई जिसके कारण भीड़ मुकरबा चौक पर हिंसा भड़की। पुलिस लगातार किसान नेताओं के साथ संपर्क कर रूटों का निर्धारण कर रही थी मगर किसान तय समय से पहले और तय रूट से हट कर दिल्ली में घुसे। इसी दौरान कई लोगों ने लाल किले में उपद्रव मचाया।
दिल्ली पुलिस आयुक्त ने आगे बताया कि लाल किले पर जो अलग-अलग ध्वज फहराया गया है इसे दिल्ली पुलिस काफी गंभीरता से ले रही है।फिलहाल 25 से ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं। उपद्रवियो को पहचाने के लिए फेस पहचाने वाली मशीन की मदद ली जा रही है। इस केस में जो भी दोषी होगा उसे छोड़ा नहीं जाएगा। इस दौरान चाहे किसान नेताओं से भी पूछताछ करनी पड़ी तो उनसे पूछताछ की जाएगी। राष्ट्र के मान में कमी लाने वाले नेताओं और दोषियों पर सख्त से सख्त करवाई की जाएंगी। दिल्ली पुलिस आयुक्त ने आगे बताया की सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से उपद्रवियो की पहचान की जा रही है। कोई भी आरोपित जिसकी पहचान होती है और शामिल पाएगा उसे छोड़ा नहीं जाएगा। जो भी किसान नेता हैं उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। राष्ट्र के सम्मान और सुरक्षा में दिल्ली पुलिस किसान संगठनों से पूछताछ करेगी।